वैदिक गणित के वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—: वरà¥à¤—मूल के विशेष संदरà¥à¤ में
Author(s): राजीव अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª कà¥à¤®à¤¾à¤°, पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ कà¥à¤®à¤¾à¤° विशà¥à¤µà¤•à¤°à¥à¤®à¤¾
Abstract: आज हम बिना गणित के अपने जीवन में à¤à¤• दिन की à¤à¥€ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ नहीं कर सकते हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि दैनिक जीवन की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के हल के लिठà¤à¥€ हमें किसी न किसी रूप में गणित पर ही आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ रहना होता है। गणित अपने चारों ओर के वातावरण से हमें संपरà¥à¤• करने व विशà¥à¤µ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ हमारी समठको बढ़ाने में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ साधन है। गणित किसी पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤°à¥‹à¤¤ के सामान हमारे चारों ओर है जिसे हम आसानी से अनà¥à¤à¤µ कर सकते हैं। कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ चाहे वह मजदूर, किसान, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€, गà¥à¤°à¤¹à¤£à¥€, डॉकà¥à¤Ÿà¤° तथा वकील हो वह पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ गणित के अंकों और सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों का उपयोग करता है। कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, अखबार, खेल का मैदान हर जगह गणित का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ है, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को अपनी जीविका कमाने के लिठपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· या अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· रूप से गणित की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। हम अपने दैनिक जीवन की कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को गणित के माधà¥à¤¯à¤® से आसानी से हल कर सकते हैं। परनà¥à¤¤à¥ आज विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में गणित के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अरà¥à¤šà¤¿ तथा उनके कौशलों में कमी परिलकà¥à¤·à¤¿à¤¤ होती है। अत: यदि सामानà¥à¤¯ गणित के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ वैदिक गणित की सरलीकृत विधियाठपाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ कर दी जाà¤à¤ तो छातà¥à¤° मनोरंजनकपूरà¥à¤µà¤• गणित का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर सकेंगे। वैदिक गणित अति सà¥à¤‚दर वैदिक सूतà¥à¤°à¥‹ का संगà¥à¤°à¤¹ है जो वेदों से लिया गया है। वैदिक गणित का मूल सà¥à¤°à¥‹à¤¤ अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ है। और जिसकी पà¥à¤¨: पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा खोज परम शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ कृषà¥à¤£ तीरà¥à¤¥ जी महाराज ने की। वैदिक गणित अंकगणित व बीजगणित की गणनाà¤à¤‚ आसानी से करने में सहायक है।
गणित शिकà¥à¤·à¤£ मे वरà¥à¤—मूल का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध पतà¥à¤° में वैदिक गणित की पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अतà¥à¤¯à¤‚त सरल ढंग से वरà¥à¤—मूल हल करने की विधा पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है।
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राजीव अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª कà¥à¤®à¤¾à¤°, पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ कà¥à¤®à¤¾à¤° विशà¥à¤µà¤•à¤°à¥à¤®à¤¾. वैदिक गणित के वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—: वरà¥à¤—मूल के विशेष संदरà¥à¤ में. Int J Multidiscip Trends 2023;5(7):01-06.