स्त्री, सामाजिक समावेशन एवं सरकारी योजनाएँः विश्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s): सरिता
Abstract: हमारे देश में पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था रही है। स्त्रियाँ समाज के अधिकतर क्षेत्रों से दूर रही, उनकी भागीदारी पुरुषों के समान नहीं रही। पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की जनसंख्या भी कम है। स्वतंत्रता के समय तो उनकी सामाजिक स्थिति और अधिक विकट थी। उनकी सामाजिक स्थिति, भागीदारी में स्वतंत्रता के उपरांत सुधार तो हुआ है, परन्तु अभी भी वह अपर्याप्त है। हरियाणा प्रदेश में तो स्त्रियों की जनसंख्या, साक्षरता दर इत्यादि बहुत कम है। पुरुषों की तुलना में उनकी सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी कम है। घर से बाहर के क्षेत्र प्रायः उनके लिए नहीं रहे। इस शोध लेख का प्रमुख उद्देश्य हरियाणा प्रदेश में स्त्रियों के सामाजिक समावेशन संबंधी लागू विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का गहनतापूर्वक विश्लेषणात्मक अध्ययन करना है। केन्द्र एवं राज्य सरकार ने बालिकाओं, स्त्रियों की जनसंख्या में वृद्धि करने, भ्रूण हत्या को समाप्त करने, उनकी समाज में पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में कौन-कौन सी योजनाएँ एवं कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं इसका अध्ययन करना इस शोध का उद्देश्य है। इसके अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का अध्ययन कर निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए हैं।
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सरिता. स्त्री, सामाजिक समावेशन एवं सरकारी योजनाएँः विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int J Multidiscip Trends 2023;5(11):30-33.