झारखंड के अनुसूचित जनजाति के बच्चों में प्रोटीन कैलोरी कुपोषण की समस्या
Author(s): नीलम कुमारी
Abstract: झारखंड राज्य प्राकृतिक रूप से विविधताओं से भरा राज्य है। यहाँ एक ओर हरे-भरे जंगल है तो दूसरी ओर ऊँचे-ऊँचे पठार। इस पठारी प्रदेश का निर्माण बिहार से अलग कर इस उद्देश्य से किया गया कि यहाँ के खनिज सम्पदा के दोहन से यहाँ के लोगों खासकर अनुसूचित जनजातियाँ का विकास तेजी से हो पाएगा। 2011 ईं0 की जनगणना के अनुसार यहाँ अनुसूचित जनजातियो की आबादी 29% है। यहाँ अनुसूचित जनजातियों की स्थिति अच्छी नहीं है। यहाँ के जनजातियों की समस्याएँ मुख्य रूप से वन अधिकार, भूमि हस्तांतरण, साहूकारों द्वारा शोषण, खनन और आदिवासी क्षेत्रों में विस्थापन से सम्बन्धित है। झारखंड के आदिवासी बच्चों ने प्रोटीन कैलोरी कुपोषण की समस्या की स्थिति बहुत ही भयावह है। राज्य के ग्रामीण आदिवासी के आबादी में 0-6 साल के बच्चों में प्रोटीन कैलोरी कुपोषण की दर 57% है, तथा इनके शहरी आवादी में बच्चों के प्रोटीन कैलोरी कुपोषण की दर लगभग 37% है। विभिन्न राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओ के द्वारा तथा केन्द्र और राज्य सरकारों के द्वारा इस समस्या का दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
नीलम कुमारी. झारखंड के अनुसूचित जनजाति के बच्चों में प्रोटीन कैलोरी कुपोषण की समस्या. Int J Multidiscip Trends 2025;7(6):01-03. DOI: 10.22271/multi.2025.v7.i6a.698