प्रातिनूतन कालीन पुरापर्यावरण एवं मानव अधिवास
Author(s): विनोद यादव
Abstract: मानव की उत्पत्ति के दृष्टिकोण से प्रातिनूतन काल का विशेष महत्व है। इसी काल से विश्व में सर्वप्रथम आदिमानव के अवशेष मिले हैं। इस कारण इस काल को ‘मानव काल’ भी कहा जाता है। किन्तु जहाँ तक मानव के विकास का प्रश्न है, उसकी उत्पत्ति निश्चित रूप से प्रातिनूतन काल के पहले हो चुकी रही होगी, क्योंकि उसके शारीरिक तथा अशारीरिक अवशेष प्रातिनूतन काल के प्राथमिक स्तरों से ही मिलने लगते हैं। मानवेत्तर स्थिति से विकसित होकर मानवसम (भ्वउवदपक) तथा मानव (होमो सेपियन्स सेपियन्स) बनने में उसे हजारों वर्ष का समय लगा होगा। चूँकि मानव का विकास बहुत धीरे-धीरे हुआ, अतः यह बता पाना कि किस समय उसने मानवेत्तर स्थिति से मानव की स्थिति में प्रवेश पा लिया, सम्भव नहीं है। इस सम्बन्ध में अफ्रीका के ‘ओल्डुआई गार्ज’ का साक्ष्य विशेष महत्वपूर्ण है। भूतत्व विज्ञान के अन्तर्गत प्रातिनूतन काल को ‘नवीनतम काल’ का दर्जा प्राप्त है। पूर्ववर्ती अन्य कालों की अपेक्षा इसका समय अत्यंत कम है, परन्तु आधुनिक मानव (होमो सेपियन्स सेपियन्स) से सम्बद्ध होने के कारण इस काल का विशेष महत्व है।
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How to cite this article:
विनोद यादव. प्रातिनूतन कालीन पुरापर्यावरण एवं मानव अधिवास. Int J Multidiscip Trends 2025;7(2):24-27.