Abstract: विकसित भारत/2047, भारत सरकार का विजन है जिसका लक्ष्य 2047 तक अर्थात् अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। भारत में हाल के दशकों में गाँवों से नगरों की ओर जनसंख्या का रूपान्तरण तेजी से हो रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का 31.04 प्रतिशत भारत के नगरों में निवास करता है। संयुक्त राष्ट्र की 2018 की विश्व शहरीकरण संभावनाओं की रिपोर्ट के अनुसार-भारत की 2051 तक आधे से अधिक जनसंख्या नगरों में निवास करेगी। बढ़ते नगरीकरण से 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में भारत के नगरों की अहम भूमिका होगी। भारत ‘अवसरों की एक जनसांख्यिकी खिड़की’, जो एक ‘युवा उभार’ का अनुभव कर रहा है। भारत के नगर, युवा जनसंख्या के सपनों को साकार करने के लिए नगरीय नियोजन का मार्ग अपना रहे हैं जिससे तकनीकी एवं डिजिटल परिवर्तन के इस युग में भारत की युवा जनसंख्या जो देश के भविष्य का आधार है उनको एक सतत् नगरीय जीवन स्तर प्राप्त हो सके। पिछले एक दशक में भारत की डिजिटल यात्रा ने न केवल सेवाओं एवं प्रशासन को बदला है बल्कि मजबूत आर्थिक विकास का आधार भी तैयार किया है। भारत के नगर तकनीकी एवं डिजिटल परिवर्तन के इस युग में भारत की अद्वितीय जनसांख्यिकीय और आर्थिक परिदृश्य के साथ गहराई से जुड़े हैं। भारत को 2047 तक विकसित बनाने में भारतीय नगरों एवं युवा आजादी को डिजिटल परिवर्तन को एक नवाचार के रूप में लेना होगा जो एक मानवीय कौशल के उत्पाद के रूप में उभरता है।
अवधेश कुमार, श्वेता सिंह. विकसित भारत एवं नगरीय विकास में डिजिटल तकनीक. Int J Multidiscip Trends 2025;7(10):43-46. DOI: 10.22271/multi.2025.v7.i10a.807