युवाओं में मादक पदार्थों के व्यसन से मनोदशा एवं सामाजिक विघटन में सार्थकता का अध्ययन
Author(s): सुनीत कुमार द्विवेदी एवं महानंद द्विवेदी
Abstract: इस शोध पत्र के द्वारा युवाओं में मादक पदार्थों के व्यसन से मनोदशा एवं सामाजिक विघटन में सार्थकता का अध्ययन किया गया है। मादक पदार्थो का उपयोग प्राचीन काल से ही विविध रूपों में हो रहा है। मादक पदार्थों की उपयोगिता समस्याओं के निराकरण में लम्बे समय से प्रयास चल रहा है लेकिन आजकल इसका प्रयोग बहुत ही तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। नशे के कारण व्यक्ति का निजी जीवन व सामाजिक परिवेश दूषित हो गया है। प्रस्तुत शोध में अंाकड़ांे के संकलन हेतु स्वनिर्मित अनुसूची का निर्माण किया गया है। इसमें रीवा जिले की 250 युवा उत्तरदाता से उद्देश्यपरक प्रतिदर्श के आधार पर चयन कर तथ्यों के संकलन हेतु संबंधित उद्देश्यों के आधार पर अनुसूची का निर्माण किया गया। शहरी क्षेत्र के युवाओं में मादक पदार्थों के व्यसन से मनोदषा एवं सामाजिक विघटन में सार्थकता का औसत उपलब्धि 25.96 तथा मानक विचलन 8.04 है। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में मादक पदार्थों के व्यसन से मनोदशा एवं सामाजिक विघटन में सार्थकता का औसत उपलब्धि 22.52 तथा मानक विचलन 8.26 है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में मादक पदार्थों के व्यसन से मनोदशा एवं सामाजिक विघटन में सार्थक अन्तर है।
सुनीत कुमार द्विवेदी एवं महानंद द्विवेदी. युवाओं में मादक पदार्थों के व्यसन से मनोदशा एवं सामाजिक विघटन में सार्थकता का अध्ययन. Int J Multidiscip Trends 2025;7(1):01-03. DOI: 10.22271/multi.2025.v7.i1a.555