स्नातक स्तर के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों की सृजनात्मकता, समायोजन एवं आत्म - प्रत्यय का तुलनात्मक अध्ययन
Author(s): मनोरमा सिंह, पी. एस. त्यागी
Abstract: अध्ययन का उद्देश्य स्नातक स्तर के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों की सृजनात्मकता, समायोजन एवं आत्म-प्रत्यय का तुलनात्मक अध्ययन करके पता लगाना है कि विज्ञान, वाणिज्य एवं सामाजिक विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों की आपस में तुलना करके सृजनात्मकता, समायोजन एवं आत्म-प्रत्यय का पता लगाना है। न्यादर्श के रूप में 300 विद्यार्थी विभिन्न संकायों के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए चुना गया है। सृजनात्मकता मापन हेतु प्रमाणित परीक्षण के. एन. शर्मा (2017) द्वारा निर्मित ”डिवर्जेन्ट प्रोडक्शन एबीलिटी“ परीक्षण, समायोजन मापन हेतु प्रमाणित परीक्षण डाॅ0 आर.के. ओझा (2010) द्वारा निर्मित ”बेल्स एडजस्टमेन्ट इन्वेन्ट्री“ परीक्षण तथा आत्म-प्रत्यय मापन हेतु प्रमाणित परीक्षण डाॅ0 आर.के. सारस्वत द्वारा निर्मित ”सेल्फ काॅन्सेप्ट क्वश्चनेयर“ परीक्षण का प्रयोग किया गया है। सांख्यिकी विधि, मध्यमान, मानक विचलन एवं एनोवा का प्रयोग किया गया है। अध्ययन करने पर पाया गया कि विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों की सृजनात्मकता और समायोजन में कोई सार्थक अन्तर नहीं होता है लेकिन विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों के आत्म-प्रत्यय में सार्थक अन्तर होता है।
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How to cite this article:
मनोरमा सिंह, पी. एस. त्यागी. स्नातक स्तर के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों की सृजनात्मकता, समायोजन एवं आत्म - प्रत्यय का तुलनात्मक अध्ययन. Int J Multidiscip Trends 2024;6(8):27-31.