सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण
Author(s): सुमन कच्छावा
Abstract: प्रत्येक मुख्य कार्यपालिका के अधीन दो प्रकार की सेवायें होती हैं सूत्रा तथा स्टाफ। स्टाफ परामर्श देना तथा सेवा करने का कार्य करता है और सूत्र आदेश देने का कार्य करता है। ‘‘लाइन’’ और ‘‘स्टाफ’’ की विचारधारा को सैनिक प्रशासन से लिया गया है। सूत्र इकाई में वे लोग आते हैं जो युद्ध के मैदान में आदेश देते हैं, सेना का संचालन एवं नेतृत्व करते हैं। सेना में प्रमुख सेनापति के नीचे अनेक सूत्र अधिकारी होते हैं, जैसे-जनरल, कर्नल, मेजर, कैप्टेन, लैफ्टीनेन्ट आदि। इन सूत्र अधिकारियों के साथ अनेक अधिकारी ऐसे होते हैं, जो यातायात, पूर्ति, चिकित्सा, पशु-चिकित्सा, सामग्री के उत्पादन आदि विशिष्ट सेवाओं में लगे रहते हैं। सेनाओं को युद्ध में सफलता प्राप्त करना हो तो उनके लिए शस्त्रास्त्रा, गोला-बारूद, भोजन, यातायात, चिकित्सा आदि अनेक सेवाओं की व्यवस्था करनी पड़ती हैं। ये सेवायें भले ही युद्ध में भाग नहीं लेती किन्तु अप्रत्यक्ष रूप से सेनाओं को सहायता पहुँचाकर उन्हें सफलता प्राप्त करवाने में योगदान देती हैं। इन्हें ही स्टाफ -सेवा कहा जाता है। इस सम्बन्ध में एक बहुत पुरानी ब्रिटिश सैनिक कहावत बड़ी ही मनोरंजक हैः स्टाफ सेवायें ‘‘वे खच्चर हैं जो युद्ध लड़ने वाले खच्चरों के लिए सामग्री ढोते हैं।
नागरिक प्रशासन में भी सैनिक संगठन की इस शब्दावली को ग्रहण किया है। विभिन्न विभागों अथवा अभिकरणों द्वारा जो कार्य किया जाता है, वे सूत्र सेवाएँ हैं। इन सेवाओं के अतिरिक्त, प्रत्येक विभाग में कुछ अन्य सेवाएँ भी होती हैं, जिनका विभाग को ठीक ढंग से चलाने के लिए आवश्यकता रहती है, जैसे-स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस विभाग तथा इनकी प्रमुख इकाइयाँ जो उद्देश्य की प्राप्ति हेतु कार्य करती हैं। सूत्र सेवायें वे विभागीय सेवायें हैं जिनका सम्बन्ध अधिकतया जनता से पड़ता है। स्टाफ सेवाओं से आशय उन सेवाओं से हैं। जो सरकार की नीतियों को लागू करने में, सरकार के अधीन होता है तथा उनका जनता सेसीधा सम्बन्ध नहीं होता। सूत्र इकाइयों में उद्योग, रेलवे, यातायात, श्रम, उत्पादन-मंत्रालय, प्रधानमंत्राी सचिवालय, योजना आयोग आदि आते हैं।
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How to cite this article:
सुमन कच्छावा. सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण. Int J Multidiscip Trends 2023;5(8):13-17.