मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤—ीय पारिवारिक जीवन-मूलà¥à¤¯ और अमरकांत के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸
Author(s): वंदना कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€, डाॅ. आननà¥à¤¦ कà¥à¤®à¤¾à¤° सिंह
Abstract: साहितà¥à¤¯ की विविध विधाओं में उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ का à¤à¤• विशिषà¥à¤Ÿ महतà¥à¤¤à¥à¤µ है। सामाजिक यà¥à¤—बोध की सबसे सफल अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ साहितà¥à¤¯ में ही संà¤à¤µ होती है। इसी के माधà¥à¤¯à¤® से मानव जीवन के विविध पकà¥à¤·, पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की जटिलता, परिवेश à¤à¤µà¤‚ संवाद इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ साकार होते हैं। पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° डॉ. तà¥à¤°à¤¿à¤à¥à¤µà¤¨ सिंह के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°: ‘‘साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ही à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ उपकरण है, जिसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सामूहिक मानव जीवन अपनी समसà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं à¤à¤µà¤‚ चिंताओं के साथ संपूरà¥à¤£ रूप में अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ हो सकता है। मानव जीवन के विविध चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ को चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने का जितना अधिक अवकाश उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में मिलता है उतना अनà¥à¤¯ किसी साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• विधा में नहीं।‘‘
1 उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ का सृजन चरितà¥à¤°-चितà¥à¤°à¤£ के विना संà¤à¤µ नहीं होता। इसमें मानव जीवन के विविध पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ को चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया जाता है। इसके माधà¥à¤¯à¤® से ही लेखक पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त तथा नà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ विशेषताओं को पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में लाता है। अमरकानà¥à¤¤ ने अपने उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤—ीय समाज के चरितà¥à¤° का रेशा रेशा समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की कोशिश की है। इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¸à¥‡ पातà¥à¤° सृजित किये हैं, जो जीवनेचà¥à¤›à¤¾ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र, à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं से संपनà¥à¤¨ और सूà¤-बूठके धनी होते हà¥à¤ à¤à¥€ इतने à¤à¤•à¤à¥‹à¤°à¥‡, आहत, असंतà¥à¤²à¤¿à¤¤ और असंतृपà¥à¤¤ हैं कि हर जगह शूनà¥à¤¯ पर विसà¥à¤¤à¤¾à¤° पाते हैं। इनके पातà¥à¤° किसान, जमींदार, मजदूर, कà¥à¤²à¤°à¥à¤•, विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€, अफसर, पंडित-पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤, वकील, वेशà¥à¤¯à¤¾, पतिवà¥à¤°à¤¤à¤¾, परितà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¾, विधवा-सधवा तथा समाज के संपरà¥à¤• में आने वाले पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤—ीय लोग हैं। इन पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के चरितà¥à¤° में आदरà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¤¾ का खोखलापन, अवसरवादिता, कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤à¤¾, दोहरी मानसिकता, सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¤°à¤¤à¤¾, पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾, महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¤¾, मिथà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¾à¤·à¤£, घमंड à¤à¤µà¤‚ शोषण की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ देखने को मिलती है। लेखक ने इनके इन सà¤à¥€ गà¥à¤£à¥‹à¤‚-अवगà¥à¤£à¥‹à¤‚ को पूरी निषà¥à¤ ा व ईमानदारी से चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया है। उनके पातà¥à¤° कहीं à¤à¥€ नैतिकता का नकाब ओà¥à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ नहीं होते और न ही उनमें कृतà¥à¤°à¤¿à¤®à¤¤à¤¾ दिखायी पड़ती है, बलà¥à¤•à¤¿ कथावसà¥à¤¤à¥ के माधà¥à¤¯à¤® से अपना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• विकास करते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जिन पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का चयन किया है, उनके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ करने की कोशिश की है। उनके इस मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤—ीय पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के चरितà¥à¤° की à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ संवेदनशील à¤à¤¾à¤‚की को हम निमà¥à¤¨ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से देख सकते हैं। अपने पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ‘सूखापतà¥à¤¤à¤¾‘ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मधà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय मानस के परिवेश à¤à¤µà¤‚ कमजोरियों का यथारà¥à¤¥ चितà¥à¤°à¤£ किया है। इसके पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पातà¥à¤° कृषà¥à¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤°, मनमोहन, उरà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¾, गंगाधारी बाबू हैं। इन सà¤à¥€ के चरितà¥à¤° में वैचारिक कशमकश, पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾, सामाजिक à¤à¥€à¤°à¥à¤¤à¤¾, à¤à¥‚ठ, घमंड, à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ मानसिक विकृतियां à¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ हैं। उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ नायक ‘कृषà¥à¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤°‘ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ नवयà¥à¤µà¤• है, जो किशोरों में होने वाले सहज à¤à¥à¤•à¤¾à¤µ, कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ और आतà¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† है। वह योजनाà¤à¤‚ तो बड़ी-बड़ी बनाता है, परंतॠअंततः दबà¥à¤¬à¥‚, कायर, à¤à¤—ोड़ा और निरà¥à¤£à¤¯à¤¹à¥€à¤¨ सिदà¥à¤§ होता है। वह देश की आजादी के लिठजोश, जà¥à¤¨à¥‚न और जजà¥à¤¬à¥‡ के साथ लड़ने की बात तो करता है, परंतॠअंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ से लड़ने व पिसà¥à¤¤à¥Œà¤² खरीदने हेतॠसेठसूरजमल के यहां चीनी के बोरे की चोरी करता है और कहता है: ‘‘चोरे चà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ का यह अरà¥à¤¥ था कि जो सेठबेहिसाब मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ कमाने के नाते शोषण और सरकार परसà¥à¤¤à¥€ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• था, उसको नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤•à¤° हमने बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सरकार पर आघात कियाय हम देशà¤à¤•à¥à¤¤ और कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी थे, इसका सबूत हमने दे दिया है।‘‘2
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वंदना कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€, डाॅ. आननà¥à¤¦ कà¥à¤®à¤¾à¤° सिंह. मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤—ीय पारिवारिक जीवन-मूलà¥à¤¯ और अमरकांत के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸. Int J Multidiscip Trends 2023;5(7):44-46.