अमूरà¥à¤¤à¤•à¤²à¤¾- à¤à¤• विवेचन
Author(s): डाॅ. रामखिलाड़ी माली
Abstract: 19वीं सदी में हà¥à¤ यूरोपीय विकास à¤à¤µà¤‚ राजनीतिक व सामाजिक उथल-पà¥à¤¥à¤² ने कलाकरो को à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° विचार से सरà¥à¤œà¤¨ करने को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया जिनमें à¤à¤• पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ वसà¥à¤¤à¥à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· कला का था।
समाज में सामानà¥à¤¯ अवधारणा यह है कि जो समठनहीं आये वह मारà¥à¤¡à¤¨ है, जो समठन आये वह अमूरà¥à¤¤ है। समाज की यह धारण पूरà¥à¤£à¤°à¥‚प से सही à¤à¥€ हो सकती कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलाकार जिस सà¥à¤¤à¤° के विचारों या à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करने का काम करता है, जरूरी नहीं कि उन विचारों को समाज आसानी से आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ कर सके। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अमूरà¥à¤¤ कला में रंगों, रेखाओं या आकारों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही कलाकार अजà¥à¤žà¤¾à¤¤ को जà¥à¤žà¤¾à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ कता है।
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How to cite this article:
डाॅ. रामखिलाड़ी माली. अमूरà¥à¤¤à¤•à¤²à¤¾- à¤à¤• विवेचन. Int J Multidiscip Trends 2023;5(7):07-08.