बिहार की महिलायों के रोजगार के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ तकनीकि शिकà¥à¤·à¤¾ की उपयोगीता
Author(s): रंजना सिंह
Abstract: à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वैदिक काल से ही सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ का वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° था। मà¥à¤—ल काल में à¤à¥€ अनेक महिला विदà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– मिलता है। पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¾à¤—रण के दौर में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ को नठसिरे से महतà¥à¤µ मिलने लगा। ईसà¥à¤Ÿ इंडिया कंपनी के दà¥à¤µà¤¾à¤° सन 1854 में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया गया था। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सरकारी और गैर सरकारी पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के कारण साकà¥à¤·à¤°à¤¤à¤¾ के दर 0.2ः से बदकर 6ः तक पहà¥à¤à¤š गया था। कोलकाता विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ महिलाओं को शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठसà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने वाला पहला विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ था। 1986 में शिकà¥à¤·à¤¾ संबंधी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ नीति पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• राजà¥à¤¯ को सामाजिक रूपरेखा के साथ शिकà¥à¤·à¤¾ का पà¥à¤¨à¤°à¥à¤—ठन करने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया था। सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ सन 1947 से लेकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार पाठशाला में अधिक लड़कियों को पà¥à¤¨à¥‡ का मौका देने के लिये, अधिक लड़कियों को पाठशाला में दाखिला करने के लिये और उनकी सà¥à¤•à¥‚ल में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ की कोशिश में अनेक योजनाà¤à¤ बनाठहैं जैसे कि निःशà¥à¤²à¥à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚, दोपहर की à¤à¥‹à¤œà¤¨ आदि। जोन इलियोट ने पहला महिला विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ खोला था। सनॠ1849 में और उस विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ क नाम बीथà¥à¤¨à¥‡ कालेज था।
Pages: 43-45 | Views: 271 | Downloads: 94Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
रंजना सिंह. बिहार की महिलायों के रोजगार के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ तकनीकि शिकà¥à¤·à¤¾ की उपयोगीता. Int J Multidiscip Trends 2023;5(3):43-45.