महिलाओं के सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए पंचायती राज कानूनों का समालोचनात्मक अध्ययन
Author(s): डॉ. अजित कुमार भारती, डॉ. जैनेन्द्र यादव
Abstract: पंचायती राज व्यवस्था ग्रामीण भारतीय समाज की आधारशिला है, जो स्थानीय स्तर पर निर्णय लेती है और सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास को संबोधित करने का काम करती है। इसके बावजूद, इस व्यवस्था में महिलाओं की सहभागिता अक्सर कम होती है, जिससे उनकी आवाज और हितों का सम्मान नहीं होता। यह प्रस्तावना उच्च स्तरीय अध्ययन का उद्देश्य रखती है जिसमें पंचायती राज कानूनों की समीक्षा की जाएगी ताकि महिलाओं को इस व्यवस्था में अधिक सक्रिय और समान हिस्सेदारी का मार्ग प्रदान किया जा सके। इस अध्ययन के माध्यम से, हम विभिन्न पंचायती राज कानूनों की समीक्षा करेंगे और उनमें महिलाओं के लिए समान अधिकार और अवसरों की उपलब्धता की चर्चा करेंगे। हम यह भी देखेंगे कि कैसे कानूनी प्रक्रियाओं में सुधार करके, शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से, और सामाजिक योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को समाज में अधिक सक्रिय बनाया जा सकता है। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के समाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए संभव उपायों की खोज करना होगा, ताकि वे समाज के साथ-साथ अपने अधिकारों के पूर्ण लाभ का उपयोग कर सकें।
Pages: 235-239 | Views: 113 | Downloads: 53Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
डॉ. अजित कुमार भारती, डॉ. जैनेन्द्र यादव. महिलाओं के सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए पंचायती राज कानूनों का समालोचनात्मक अध्ययन. Int J Multidiscip Trends 2022;4(2):235-239.