International Journal of Multidisciplinary Trends
  • Printed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

2022, Vol. 4, Issue 2, Part A

अनुसूचित जाति के संदर्भ में हरियाणा राज्य में शैक्षणिक विकास एवं कार्य भागीदारी


Author(s): अविनाश आर्य, रचना ग्रोवर

Abstract: भारत में अनुसूचित जातियों (एससी) की आबादी में शिक्षा की कमी सामाजिक संरचना के निचले छोर पर बने रहने का मुख्य कारण हो सकता है । भारत में सामाजिक असमानता स्वतंत्रता के बाद से ही विकास मंडलों में बहस का कारण रही है। यह प्राकृतिक रूप से विभिन्न सामाजिक समूहों से संबंधित आबादी के बीच शिक्षा, व्यवसाय और अन्य आर्थिक स्थितियों में व्यापक भिन्नता का कारण बना। ये उन जातियों के बीच सबसे तीव्र हैं जिन्हें 'अछूत' माना जाता था, जिन्हें अब अनुसूचित जातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है । समय-समय पर कई संवैधानिक कदमों के माध्यम से सामाजिक समूहों के बीच शैक्षिक प्राप्ति में अंतर को मिटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न प्रयासों के बावजूद अभी भी अंतराल को पाटना बाकी है । वर्तमान पेपर का उद्देश्य अनुसूचित जातियों के जिलेवार शैक्षणिक स्तर और उनके हरियाणा राज्य में कार्य भागीदारी दरों के बीच संबंधों की पहचान करना भी है । यह पत्र हरियाणा के सभी जिलों के अनुसूचित जाति के शैक्षणिक स्तर और कार्य प्रतिभागी दर से संबंधित है ।

Pages: 12-18 | Views: 547 | Downloads: 250

Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
अविनाश आर्य, रचना ग्रोवर. अनुसूचित जाति के संदर्भ में हरियाणा राज्य में शैक्षणिक विकास एवं कार्य भागीदारी. Int J Multidiscip Trends 2022;4(2):12-18.
International Journal of Multidisciplinary Trends
Call for book chapter
Journals List Click Here Research Journals Research Journals