‘लैंगिकता’ और ‘जेंडर’ के शाब्दिक प्रयोग एवं प्रभाव की संवेदनशीलता का विश्लेषण:
Author(s): डॉ. हाजरा मसूद
Abstract: "जेंडर' को एक खास अर्थ दे दिया गया है। "पुरुष" और "महिला" दोनों को सामाजिक व सांस्कृतिक रूप में देखा जा रहा हैं। महिलाओं को उनके शरीर से कमजोर मानने के आम सोच से निपटने के लिए "जेंडर" की अवधारणा को लाया गया। प्रत्येक सदी में यह माना जाता रहा है कि महिलाओं व पुरुषों की चारित्रिक विशेषताएं, उनकी भूमिकाए, और समाज से मिलने वाला अलग दर्जा आदि उनकी जैविकीय (sex) द्वारा निर्धारित किया जाता है। लिंग की वजह से स्त्री व पुरुष में अंतर व ऊँच नीच का सहारा लिया जाता है। प्रकृति ने स्त्री व पुरुषों को बनाया गया है, और उनकी अपनी विशेषताएं हैं। लेकिन प्रत्येक समाज और संस्कृति में लड़के और लड़कियों की अहमियत निर्धारित करने उन्हें अलग भूमिकाएं देने, जवाबदारी देने के अपने तरीके समाज द्वारा निर्धारित किए गए हैं।
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डॉ. हाजरा मसूद. ‘लैंगिकता’ और ‘जेंडर’ के शाब्दिक प्रयोग एवं प्रभाव की संवेदनशीलता का विश्लेषण:. Int J Multidiscip Trends 2022;4(1):09-14.