भारतीय लोकतंत्र में नागरिक समाज की भूमिका
Author(s): डाॅ. दिनेश कुमार
Abstract: नागरिक समाज गाँधीवादी परंपरा के स्वयंसेवकों से अपनी ताकत प्राप्त करता है। स्वतंत्र भारत में स्वैच्छिक संगठनों ने उपेक्षित विकास प्रक्रिया को जारी रखने का कार्य किया। गैर सरकारी संगठन सरकार द्वारा लिये गए निर्णयों के संदर्भ में जनता की आवाज को उठाने का कार्य करते हैं। ये संगठन जनता और सरकार के बीच की खाई को पाटने का काम कर रहे हैं। सरकार के गैर जिम्मेदार व्यवहार से सामना करने के लिए न्यायपालिका गैर सरकारी संगठनों के साथ खड़ी रहती है। सूचना के कानूनी अधिकार द्वारा गैर सरकारी संगठन सरकार को उत्तरदायित्वपूर्ण बनाने हेतु संघर्ष कर रहे हैं। नागरिकों की सक्रिय राजनीतिक पसंद के बिना लोकतंत्र का अस्तित्व संभव नहीं है।
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डाॅ. दिनेश कुमार. भारतीय लोकतंत्र में नागरिक समाज की भूमिका. Int J Multidiscip Trends 2021;3(2):102-104.