छायावादी कवियों के पत्र-साहित्य में भावगत शैलियाँ
Author(s): डाॅ॰ जसवीर त्यागी
Abstract: किसी कार्य की सामान्य पद्धति रीति है, जबकि व्यक्ति-विशेष से संबंधित पद्धति शैली है। शैली में लेखक के व्यक्तित्व की प्रधानता और अभिव्यक्ति का विशिष्ट ढंग भी निहित होता है। साहित्यिक कृति अथवा कलात्मक वस्तु रचने का ढंग या तरीका। कला की रचना में जिन रीतियों और विधियों का उपयोग किया जाता है, वे कला की शिल्प-विधि के नाम से पुकारी जाती है। छायावादी कवियों के पत्र-साहित्य में शिल्प और शैली का अध्ययन एक व्यापक, विस्तृत क्षेत्र है। शोध-आलेख की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए हम प्रस्तुत आलेख को ‘छायावादी कवियों’ के पत्र-साहित्य में भावगत शैलियाँ’ पर केंद्रित कर रहे हैं।
Pages: 334-337 | Views: 97 | Downloads: 24Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
डाॅ॰ जसवीर त्यागी. छायावादी कवियों के पत्र-साहित्य में भावगत शैलियाँ. Int J Multidiscip Trends 2021;3(1):334-337.