भारत की परंपरागत परिवार व्यवस्था में संरचनात्मक तथा कार्यात्मक परिवर्तनः
Author(s): डाॅ0 हाजरा मसूद
Abstract: भारत की संयुक्त परिवार व्यवस्था कई कारणों से बाधित हुई है। भारत की प्राचीन परंपरागत परिवार व्यवस्था में संरचनात्मक तथा कार्यात्मक दोनों प्रकार के परिवर्तन हुए हैं। अंग्रेज़ों के आगमन से उनके साथ लाए गए नए आर्थिक संगठनों, विचारधाराओं तथा प्रशासनिक प्रणालियों के कारण सांस्कृतिक स्वरूप में परिवर्तन होना स्वाभाविक था। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के उदय तथा उदारवाद के प्रसार ने संयुक्त परिवार की भावनाओं के समक्ष चुनौती उत्त्पन्न प्रस्तुत कर दिया । परिणामतः भारत में एकल परिवार का प्रचलन संयुक्त परिवार से अधिक प्रारम्भहो गया है जिसके विविध कारण हैं तथापि व्यक्तिपरक चरित्र में वृद्धि एकल परिवार की बढ़ती प्रवृत्ति का परिणाम है।
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डाॅ0 हाजरा मसूद. भारत की परंपरागत परिवार व्यवस्था में संरचनात्मक तथा कार्यात्मक परिवर्तनः. Int J Multidiscip Trends 2021;3(1):25-28.