घराऊ घटना का घरेलॠयथारà¥à¤¥à¤µà¤¾à¤¦
Author(s): डाॅ राजेश कà¥à¤®à¤¾à¤° चनà¥à¤¦à¥‡à¤²
Abstract: à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मिशà¥à¤°, हिनà¥à¤¦à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के यथारà¥à¤¥à¤µà¤¾à¤¦à¥€ धारा के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤•à¤¾à¤° हैं। पूरà¥à¤µ-पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द यà¥à¤— में जब घटना पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ का बाहà¥à¤²à¥à¤¯ था। तिलसà¥à¤®à¥€, जासूसी और à¤à¤¯à¤¾à¤°à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ की धूम थी। à¤à¤¸à¥‡ समय में उनà¥à¤¨à¥€à¤¸à¤µà¥€à¤‚ सदी के अंत में à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मिशà¥à¤° के रूप में à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ रचनाकार का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¦à¥à¤à¤¾à¤µ हà¥à¤†, जो कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤°à¤¤ मनोरंजक उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ लेखन की दिशा को सच की ओर मोड़ने का कारà¥à¤¯ किया। इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ यथारà¥à¤¥ को अपने लेखनी का आधार बनाया। à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मिशà¥à¤° ने दो ही पूरà¥à¤£ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ लिखें। ‘घराऊ घटना‘(1893) और ‘बलवंत à¤à¥à¤®à¤¿à¤¹à¤¾à¤°‘(1901)। लेकिन इन उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में उनका यथारà¥à¤¥à¤¬à¥‹à¤§ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप से दिखाई देता है। ‘घराऊ घटना‘(1893) में घरेलॠयथारà¥à¤¥ की जो पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ है, वह अपने समकालीन उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के संरà¥à¤¦à¤ में आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ पैदा करती है। मिशà¥à¤° जी ने अपने उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में आम आदमी की समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान तलाशने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है। इनका मानना है कि यथारà¥à¤¥à¤µà¤¾à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ ही आधà¥à¤¨à¤¿à¤• पूजीवादी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के संघरà¥à¤· और यातना को अचà¥à¤›à¥€ तरह पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर उससे जà¥à¥œ सकता है।
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How to cite this article:
डाॅ राजेश कà¥à¤®à¤¾à¤° चनà¥à¤¦à¥‡à¤². घराऊ घटना का घरेलॠयथारà¥à¤¥à¤µà¤¾à¤¦. Int J Multidiscip Trends 2019;1(1):10-11.