International Journal of Multidisciplinary Trends
  • Printed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

2019, Vol. 1, Issue 1, Part A

भारत के 5 प्रमुख ज्यामितीय शिल्पकार


Author(s): डॉ. अनिल गुप्ता

Abstract:
आधुनिक भारतीय चित्रकला मे ज्यामितीय रूपाकारों के प्रयोग से पूर्व ज्यामितीय रूपाकारों का प्रयोग भावाभिव्यक्ति की दृष्टि से सर्वप्रथम पाश्चात्य कला जगत में देखने को मिलता है। भारत में स्वतंत्रता पश्चात कलाकार नवीनता की खोज में वस्तुनिरपेक्ष ज्यामितीय रूपाकारों का अंकन करने लगे जैस एम.एफ. हुसैन ने धनवादी प्रभाव लिए नारी का अंकन किय। उनके चित्र पिकासो के चित्रों से काफी प्रभावित थे। भारत भाग्य विधाता चित्र में ज्यामितीय और अर्द्धज्यामितीय रूपों को देखा जा सकता है।
के.सी.एस. पणिकर के द्वारा बनाई ‘वर्ड्स एण्ड सिम्बल’ सिरीज के चित्र ज्यामितीय रूपाकारों के लोकप्रिय उदाहरण हैं। पणिकर भारतीय कला प्रतिकों, कुण्डलियों, गणितीय ऐबल अरेबिक, रोमन कहानियों से विशेष प्रभावित थे तथा यही उनके सृजन का आधार बनें। समय उपरान्त उन्हें महसूस हुआ कि मलयालम स्क्रिप्ट ज्यादा अनुकूल है। उनके चित्र ज्यामितीय प्रतिकों के साथ कैलीग्राफीक तथा कल्पनाओं का रेखीय रूपान्तरण एक उच्च कोटि की रचना करते हैं।
रामकुमार की बनायी वाराणसी श्रृंखला पर ज्यामितीय रूपाकारों का प्रभाव दिखाई देता है। ‘कश्मीर’ आईल माध्यम में बनाया गया ज्यामितीय रूपाकारों का सुन्दर उदाहरण है जिसमें प्राकृतिक सौन्दर्य को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है।
के.एस., कुलकर्णी की कला में पिकासो का क्यूबिज्म और पारम्पिक भारतीय लोक और आदिवासी कला समिश्रण देखनें को मिलता है।


Pages: 78-81 | Views: 107 | Downloads: 38

Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
डॉ. अनिल गुप्ता. भारत के 5 प्रमुख ज्यामितीय शिल्पकार. Int J Multidiscip Trends 2019;1(1):78-81.
Our Related Journals
Important Publications Links
International Journal of Multidisciplinary Trends

International Journal of Multidisciplinary Trends

International Journal of Multidisciplinary Trends
Call for book chapter