à¤à¤¾à¤°à¤¤ के 5 पà¥à¤°à¤®à¥à¤– जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ शिलà¥à¤ªà¤•à¤¾à¤°
Author(s): डॉ. अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾
Abstract: आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ चितà¥à¤°à¤•à¤²à¤¾ मे जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ रूपाकारों के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से पूरà¥à¤µ जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ रूपाकारों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® पाशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥à¤¯ कला जगत में देखने को मिलता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ कलाकार नवीनता की खोज में वसà¥à¤¤à¥à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ रूपाकारों का अंकन करने लगे जैस à¤à¤®.à¤à¤«. हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ ने धनवादी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ लिठनारी का अंकन किय। उनके चितà¥à¤° पिकासो के चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ से काफी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ थे। à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ विधाता चितà¥à¤° में जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ और अरà¥à¤¦à¥à¤§à¤œà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ रूपों को देखा जा सकता है।
के.सी.à¤à¤¸. पणिकर के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाई ‘वरà¥à¤¡à¥à¤¸ à¤à¤£à¥à¤¡ सिमà¥à¤¬à¤²’ सिरीज के चितà¥à¤° जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ रूपाकारों के लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ उदाहरण हैं। पणिकर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कला पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‹à¤‚, कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, गणितीय à¤à¤¬à¤² अरेबिक, रोमन कहानियों से विशेष पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ थे तथा यही उनके सृजन का आधार बनें। समय उपरानà¥à¤¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ महसूस हà¥à¤† कि मलयालम सà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤Ÿ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अनà¥à¤•à¥‚ल है। उनके चितà¥à¤° जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के साथ कैलीगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€à¤• तथा कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं का रेखीय रूपानà¥à¤¤à¤°à¤£ à¤à¤• उचà¥à¤š कोटि की रचना करते हैं।
रामकà¥à¤®à¤¾à¤° की बनायी वाराणसी शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला पर जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ रूपाकारों का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ दिखाई देता है। ‘कशà¥à¤®à¥€à¤°’ आईल माधà¥à¤¯à¤® में बनाया गया जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ रूपाकारों का सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° उदाहरण है जिसमें पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ को बहà¥à¤¤ खूबसूरती से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है।
के.à¤à¤¸., कà¥à¤²à¤•à¤°à¥à¤£à¥€ की कला में पिकासो का कà¥à¤¯à¥‚बिजà¥à¤® और पारमà¥à¤ªà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लोक और आदिवासी कला समिशà¥à¤°à¤£ देखनें को मिलता है।
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डॉ. अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾. à¤à¤¾à¤°à¤¤ के 5 पà¥à¤°à¤®à¥à¤– जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥€à¤¯ शिलà¥à¤ªà¤•à¤¾à¤°. Int J Multidiscip Trends 2019;1(1):78-81.