शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ संगीत के ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ का बिहार लोकसंगीत में योगदान
Author(s): डाॅ. रंजना गाà¥à¤°à¥‡à¤µà¤°
Abstract: लोक संगीत और शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ संगीत, संगीत की दो धारायें पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होते हà¥à¤¯à¥‡ à¤à¥€ दोनांे में ही पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ संगीत शबà¥à¤¦ इनके परसà¥à¤ªà¤° à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ होने के विषय को संदेहासà¥à¤ªà¤¦ बनाती है। यदि लोक संगीत और शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ संगीत ‘‘संगीत’’ के अंगà¤à¥‚त घटक है तो फिर à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ कहाà¤à¥¤ यदि संगीत को à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ माना जाये तों कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤µ पृथक हो जाते है? à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° में हमें लोक संगीत की शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ संगीत से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ केवल सरल और सà¥à¤—à¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤¯ रीति-रीति के दरà¥à¤¶à¤¨ होते हैं। यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ तारà¥à¤•à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से यह दोनो ही परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ समान है। इनकी विकास धारा में परिवरà¥à¤¤à¤¨ होने के कारण इनके बीच बहà¥à¤¤ बड़ी रफई दिखाई देती है।
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How to cite this article:
डाॅ. रंजना गाà¥à¤°à¥‡à¤µà¤°. शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ संगीत के ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ का बिहार लोकसंगीत में योगदान. Int J Multidiscip Trends 2019;1(1):61-62.